केंद्रीय बजट 2021 में, वित्तीय वर्ष 2021 - 2022 के लिए कृषि यांत्रिकीकरण (Agricultural Mechanization ) (एसएमएएम) पर उप मिशन के लिए 1050 करोड़ बजट आवंटित किया गया है।
SMAM योजना क्या है ?
SMAM योजना वर्ष 2014-15 में शुरू की गई थी। यह योजना भारत सरकार द्वारा उन लोगो तक पहुँचने के उद्देश्य से शुरू की गई थी जो पहुंच से बहार है। अर्थात यह योजना छोटे और सीमांत किसानों (एसएमएफ) के लिए कृषि मशीनों को सुलभ और सस्ती बनाकर अप्रकाशित तक पहुंचना चाहती है।
यह योजना क्यों शुरू की गई?
कृषि क्षेत्र के लिए कृषि मशीनीकरण महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे फसल उत्पादन में उपयोग होने वाले इनपुट की दक्षता और प्रभावकारिता में सुधार करने में मदद मिलती है। यह फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में भी मदद करता है। इस प्रकार, यह योजना फसलों की दक्षता, प्रभावकारिता और उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
योजना के घटक
इस योजना में निम्नलिखित घटक शामिल हैं:
- यह योजना एसएमएफ को काम पर रखने वाले संस्थानों से जुड़ने में सक्षम बनाती है, जो एसएमएफ को मशीनों को किराए पर लेने में सक्षम बनाता है क्योंकि, एसएमएफ के लिए फार्म मशीनों की खरीद वित्तीय रूप से संभव नहीं है।
- यह किसानों और युवाओं के मशीन संचालन और कौशल विकास का प्रदर्शन करके हितधारकों के बीच जागरूकता बढ़ाता है।
- इसके अलावा, केंद्रों पर मशीनों का प्रदर्शन परीक्षण और प्रमाणन कृषि मशीनरी को प्रभावी और कुशलतापूर्वक सुनिश्चित करता है।
योजना के तहत उपलब्धियां
- यह योजना 2014 में शुरू की गई थी
- वित्तीय वर्ष 2014-2015 से 2020-2021 के दौरान राज्यों के लिए इस योजना के तहत रु .4556.93 करोड़ राशि जारी की गई है।
- योजना के तहत, अब तक लगभग 13 लाख कृषि मशीनों का वितरण किया गया है। साथ ही, 27.5 हजार कस्टम हायरिंग इंस्टीट्यूशंस को अभी तक स्थापित किया गया है। फार्म मशीनीकरण पर कार्यक्रमों और योजनाओं ने प्रति यूनिट क्षेत्र में कृषि शक्ति की उपलब्धता को भी बढ़ाया है।
- इस शक्ति का उपयोग विभिन्न कृषि कार्यों को करने के लिए किया जाता है।